माल और सेवा
कर (जीएसटी): सं
वधान (1 22 वां संशोधन)
बिल, 201 4 में 201 6 के संशोधनों
में िस्ता वत
िमख ु पररवतन
संप्रवधान
(1 22 वां संशोधन) बिल, 201 4 लोकसभा
में 1 9 दिसंिर, 201 4 को पेश
ककया गया था।1
इस बिल को
लोकसभा में 6 मई, 201 5 को
पाररत ककया गया
और तत्पश्चात राज्यसभा
की ससलेक्ट कसमटी
के पास प्रवचाराथत
भेज दिया गया।
कसमटी ने बिल
पर अपनी ररपोटत
22 जुलाई, 201 5 को सौंपी।
2 राज्यसभा ने संशोधनों
के साथ बिल
को 3 अगस्त, 201 6 को
पाररत कर दिया।
3 हम यहां राज्यसभा
द्वारा पाररत 201 4 के बिल
का प्रववरण िस्तुत
कर रहे हैं।
राज्यसभा द्वारा पाररत िमुख
संशोधन
अंतरराज्यीय व्यापार पर
अधधकतम 1 % तक का
अततररक्त कर 201 4 का
बिल (क्लॉज 1 8) : अंतरराज्यीय
व्यापार या वाणणज्य
के िौरान कें
द्र द्वारा माल
की आपूततत पर
§ अधधकतम 1 % तक
के अततररक्त कर
की उगाही की
जाएगी। यह कर
उस राज्य को
ित्यक्ष रूप से
सौंपा जाएगा जहां
से आपूततत िारंभ
की गई थी
(जो आपूततत का
मलू स्थान है)। यह
िो वर्त या
उससे अधधक समय
के सलए होगा,
जैसा कक जीएसटी
पररर्ि सुझाव िेगी। 201 6 के संशोधन
: इस िावधान को
हटा दिया गया
है।
§ ससलेक्ट
कसमटी, 201 5 : कसमटी का कहना
है कक अधधकतम
1 % तक का अततररक्त
कर लगाने के
§ िावधान से
करों के कै
सके ड ंग
(कर के ऊपर
कर) की आशंका
िढेगी। राज्यों को मुआवजा
201 4 का
बिल (क्लॉज 1 9) : संसि,
प्रवधध द्वारा, एक तनश्श्चत
अवधध के सलए
राज्यों को राजस्व
की
§ हातन
होने पर मुआवजा
ििान कर सकती
है। यह अवधध
पांच वर्त तक
की हो सकती
है। यह जीएसटी
पररर्ि के सुझावों
के आधार पर
तनधातररत होगा। इसका अथत
यह है कक
संसि तनम्नसलणखत तनणतय
ले सकती है,
(i) क्या वह मुआवजा
िेना चाहती है,
और (ii) वह समय
अवधध श्जसके सलए
वह ऐसे मुआवजे
ििान करेगी, अधधकतम
पांच वर्त के
सलए। 201 6 के
संशोधन : संसि, प्रवधध द्वारा,
एक तनश्श्चत अवधध
के सलए राज्यों
को राजस्व की
हातन होने पर
§ मुआवजा ििान
करेगी। यह अवधध
पांच वर्त तक
की हो सकती
है। यह जीएसटी
पररर्ि के सुझावों
के आधार पर
तनधातररत होगा। इसका अथत
यह है कक
मुआवजा पांच वर्त
की अव ध
के लए ििान
करना होगा। ससलेक्ट कसमटी, 201 5 : संशोधन
ससलेक्ट कसमटी के सुझावों
के अनुरूप हैं।
§ प्रववाि का
समाधान 201 4 का
बिल (क्लॉज 1 2) : जीएसटी
पररर्ि सुझावों के पररणामस्वरूप
उत्पन्न होने वाले
प्रववािों को
§
हल करने के
तौर-तरीकों के
संिंध में तनणतय
ले सकती है।
201 6 के
संशोधन : जीएसटी पररर्ि सुझावों
के पररणामस्वरूप उत्पन्न
होने वाले प्रववािों
पर तनणतय लेने
§ के सलए
एक तंत्र की
स्थापना करेगी। प्रववाि तनम्नसलणखत
के मध्य हो
सकते हैं: (क)
कें द्र िनाम
एक या एक से
अधधक राज्य, (ख)
के द्र और
राज्य िनाम एक
या एक से
अधधक राज्य, और
(ग) राज्य िनाम
राज्य। इसका अथत
यह है कक
प्रववािों को हल
करने के सलए
एक स्थायी तंत्र
होगा। ससलेक्ट
कसमटी, 201 5 : कोई सुझाव
नहीं।
§ 201 6 के संशोधनों
द्वारा ककए गए
अन्य पररवततन एकीकृत
जीएसटी (आईजीएसटी)
आईजीएसटी
की पररभार्ा में
ििलाव (क्लॉज 1 2) : 201 4 के बिल
के तहत, जीएसटी
पररर्ि एकीकृत
§ माल
और सेवा कर
के िंटवारे के
संिंध में सुझाव
िेगी। हालांकक इसमें
आईजीएसटी की पररभार्ा
नहीं िी गई
है। 201 6 के संशोधनों
में आईजीएसटी को
हटाकर कहा गया
है, ‘अंतरराज्यीय व्यापार
या वाणणज्य के
िौरान आपूततयत ों
पर माल और
सेवा कर की
उगाही’। एकीकृत जीएसटी का
िंटवारा (क्लॉज 9) : यह जीएसटी
के िंटवारे के
संिंध में तकनीकी
पररवततन है।
§
इसमें स्पष्ट ककया
गया है कक
आईजीएसटी में राज्य
की दहस्सेिारी भारत
की संधचत तनधध
(कनसॉसल ेटे फं
ऑफ इंड या)
का एक भाग
नहीं मानी जाएगी।
राज्यों के कर
हस्तांतरण में सीजीएसटी
और आईजीएसटी का
समावेश
201 4 का
बिल (क्लॉज 1 0) : कें
द्र द्वारा संग्रदहत
और उगाहे गए
जीएसटी, आईजीएसटी में राज्यों
के
§ दहस्से
के अततररक्त, (सीजीएसटी
और आईजीएसटी में
कें द्र का
दहस्सा) को भी
कें द्र और
राज्यों के िीच
िांटा जाएगा। 201 6 के संशोधन
: संशोधन कहते हैंकक
सीजीएसटी और आईजीएसटी
में कें द्र
की दहस्सेिारी को
कें द्र
§
और राज्यों के
िीच िांटा जाएगा।
इस तरह 201 6 के
संशोधन में 201 4 के बिल
के िावधानों को
अधधक स्पष्ट रूप
से िोहराया गया
है।
§ ससलेक्ट
कसमटी, 201 5 : इस पर
चचात नहीं की
गई थी।
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